ये जीना क्या जीना है ये भी कोई जीना
है
हर पल सांसे गिनना है हर सांस में आंसू
पीना है
ये भी कोई जीना है।
खोये खवाबों में है लेकिन क्या खवाबों
का हमको करना
डूब न जाये डर है तो फिर क्यों मझधार
में है पड़ना
तैर रही पर डूब गयी कितनी मासूम सफीना
है
ये भी कोई जीना है।
चंदा और तारे तोड़ तो दे लेकिन क्या
उनका करना
किसकी मांग सजायेंगे और होगा वो किसका
गहना
ज़ख्म भरे जो इस दिल के ऐसा कौन नगीना
है
ये भी कोई जीना है।
डूब चुके हैं हम जिनमे वे आँखे गहरे
सागर है
बिरानी बस्ती हो या शोर भरा बहरापन
है
तोड़ दे बस झटके में दिल ऐसा कौन करीना
है
ये भी कोई जीना है।
रूठ न जाएँ हम खुद से ये शायद सोचा
होगा
बस थोड़ी तकलीफे थी जब ये हाथ कटा होगा
तिल तिल मरते रहते हैं जैसे ये खून
पसीना है
ये भी कोई जीना है।
सपने तो आज बहुत से हैं लेकिन कोई वजह
नहीं
बीती उम्र बहुत ढूंढी पर जहाँ छुपी
उस जगह नहीं
इस जीवन के सपनो को अगला जीवन क्यों
जीना है
ये भी कोई जीना है।
ये भी कोई जीना है।