था मैंने इक सपना देखा
सपने में था घोड़ा
मटक – मटक के चला कभी वो
कभी था सरपट दौड़ा …..
सपने में था घोड़ा
मटक – मटक के चला कभी वो
कभी था सरपट दौड़ा …..
आँखे उसकी कजरारी थी
चल बड़ी थी प्यारी
परी लोक का लगता था वो
देखे दुनिया सारी …..
चल बड़ी थी प्यारी
परी लोक का लगता था वो
देखे दुनिया सारी …..
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