शब्दों को कविता बनते हमने देखा
अक्षर में खुद को गिरते हमने देखा
बनने को सौ यार यहाँ बन जाते हैं
अपनों को बेगाना बनते हमने देखा
रचना को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें...
अक्षर में खुद को गिरते हमने देखा
बनने को सौ यार यहाँ बन जाते हैं
अपनों को बेगाना बनते हमने देखा
रचना को पूरा पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें...
No comments:
Post a Comment