Wednesday 24 August 2016

चलन ज़िन्दगी का

पहिया बताता है
चलन ज़िन्दगी का
गड्ढों भरी
कंकड़ी, पथरीली, साधारण और शानदार
ऊंची नीची मखमली घाटियाँ
फूलों से भरी
सीखता है तमन्नाओं पर काबू करना
न बहकना न थिरकना न ही धधकना
चड़ता है कोमल राहों पर
और टूटे लम्हों पर भी
सिखाता है
खुशियों भरी राहें जल्दी कटती हैं
दुःख की धीरे
दूरी उतनी है
समझाता है कि
आवश्यक है
विश्वास, परिश्रम, निरंतरता
इस समझ के साथ कि
हम वही आ जाते है
एक चक्कर के बाद
अगले चक्कर के लिए...